महादेव मेला – छिंदवाड़ा
- आयोजन का समय: March
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Significance:
महादेव मेला हर साल महा शिवरात्रि के अवसर पर आयोजित किया जाता है। दूर-दूर से लोग चौरागढ़ पचमढ़ी में महादेव की पूजा करने आते हैं। यह कहावत है कि महादेव जाने से पहले, भूर भगत (छिंदवाड़ा) को पार करना आवश्यक है। भूर भगत के पीछे एक कहानी है।बताया जाता है भूरा बचपन से ही प्रभु की आराधना में लीन रहते थे। एक बार भजन के दौरान वे समाधि में चले गए। चौबीस घंटे बाद उनकी समाधि टूटी। उसके बाद वे घर त्यागकर प्रभु की भक्ति में लीन हो गए। किवदंतियों के अनुसार चौरागढ़ की पहाडि़यों में साधना के दौरान महादेव के दर्शन उन्हें हुए।
महादेव से उन्होंने वरदान मांगा कि मैं आपके ही चरणों में रहूं और यहां आने वाले को आपका मार्ग बता सकूं। भूराभगत में एक शिला के रूप में वे मौजूद हैं। संत भूराभगत की प्रतिमा एेसे स्थान पर विराजमान है जिसे देखने से अनुमान लगता है मानों भगवान भोलेनाथ के मुख्यद्वार पर द्वारपाल की तरह वे बैठे हों। उसी के कारण यहां भी मेला भरता है। गुलाल, सिंदूर, कपूर, खारक, सुपारी और बड़े त्रिशूल भक्त यहां चढ़ाते है।